संस्कृत हमारे अंदर की नकारात्मकता को दूर करती है: जिलाधिकारी
हरदोई ( लक्ष्मीकान्त पाठक (आज विकास भवन स्थित स्वर्ण जयंती सभागार में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में माननीय मुख्य्मंत्री जी के कर कमलों से सम्पूरणानंद संस्कृत विद्यालय वाराणसी में संस्कृत छात्रवृत्ति के शुभारम्भ का जनपद स्तरीय आयोजन किया गया। मुख्य्मंत्री ने वाराणसी में कुछ छात्रों को प्रतीकात्मक चेक भेंट किये। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का संस्कृत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए लगी हुई है। उत्तर प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत के लिए समर्पित हैं। संस्कृत में शोध को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने महर्षि अरबिंदो का नाम लेते हुए कहा कि संस्कृत भाषा व उसका साहित्य हमारा सबसे बड़ा खजाना है। जनपद स्तरीय कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि संस्कृत विभिन्न भाषाओं की जननी है। संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। यह न केवल विचारों का आदान प्रदान करती है बल्कि हमारी संस्कृति को भी दर्शाती है। हमारे पुराणों की भाषा संस्कृत ही है। यह भाषा हमारे अंदर की नकारात्मकता को दूर करती है।जनपद में 10 विद्यालय पहले से संचालित हैं और 1 अन्य विद्यालय का निर्माण जल्द प्रारम्भ हो जायेगा।मुख्य विकास अधिकारी सौम्या गुरूरानी ने कहा कि सभी छात्र संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने में योगदान दे। संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति का आधार है। जिलाध्यक्ष भाजपा अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि मुख़्यमंत्री ने बहुत बड़ा काम किया है। सभी छात्र मन लगाकर अध्ययन करें। जिला विद्यालय निरीक्षक बाल मुकुंद प्रसाद ने कहा कि योजना से सभी स्तर के संस्कृत छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। इसमें 50 प्रतिशत अंक व 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। जनपद स्तर पर एक नये संस्कृत विद्यालय के लिए भूमि चिन्हित कर ली गयी है। जनपद में कल तक 504 छात्रों की छात्रवृत्ति उनके खातों में पहुँच जाएगी। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह व जिलाध्यक्ष भाजपा अजीत सिंह बब्बन ने 10 चयनित छात्रों को छात्रवृत्ति का डमी चेक प्रदान किया। विभिन्न संस्कृत विद्यालयों के प्राचार्यों ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर जनपद के विभिन्न संस्कृत विद्यालयों के प्राचार्य व छात्र उपस्थित रहे।