हरदोई डीएम ने किसानों से डीएपी की कमी जैसी अफवाहों पर ध्यान न देंने की करी अपील , जिले में डीएपी खाद के भरे हैं भण्डार
हरदोई (लक्ष्मीकान्त पाठक)जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया है कि रबी फसलों की बुवाई हेतु उर्वरक समय पर उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रशासन कटिबद्ध है। जनपद में कारकंटिक उर्वरक डी०ए०पी० एवं एन०पी०के० माह अक्टूबर में किसानो की मांग के सापेक्ष शत प्रतिशत उपलब्ध है, जिसका वितरण सहकारी एवं निजी संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है। वितरण को सुचारू रूप से करने के लिये उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी द्वारा भ्रमण किया जा रहा है, जिससे मांग एवं वितरण में यदि कोई समस्या हो तो उसे दूर किया जा सके। कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी संस्थाओं पर भ्रमणशील हैं। उर्वरकों के वितरण कृषको के समस्याओं के समाधान एवं उन्हें उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु जनपद स्तर पर डेडीकेटेड कन्ट्रोल रूम नम्बर 9696588008 एवं 8960717008 स्थापित है। जिनपर सूचित करने के उपरान्त कृषक पृच्छा का त्वरित निस्तारण कराया जा रहा है। सभी पी०सी०एफ० केन्द्री एवं साधन सहकारी समितियों पर सुचारू रूप से उर्वरक वितरण किये जाने हेतु स्टेटिक अधिकारी /पर्यवेक्षणीय अधिकारी / नोडल अधिकारी नामित किये गये है। समस्त पी०सी०एफ० जेन्द्र प्रभारियों एवं साधन सहकारी समितियों के सचिवों को आदेशित कर दिया गया है कि केन्द्र एवं समिति पर उर्वरक समाप्त होने से पूर्व ही उर्वरक की माँग जिला प्रबन्धक पी०सी०एफ० एवं सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता हरदोई को समय से उपलब्ध कराये ताकि ससमय उर्वरक की उपलब्धता केन्द्र/समिति पर सुनिश्चित हो सके। फास्फेटिक एवं नत्रजन उर्वरको के अनावश्यक भण्डारण/कृत्रिम कमी इत्यादि को रोके जाने हेतु सम्बन्धित तहसील के उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक सचल दल का गठन किया गया है, जो लगातार उर्वरक उपलब्धता एवं अनावश्यक भण्डारण / कृत्रिम कमी पर सतत निगरानी बनाये हुये है। निजी क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली खुदरा उर्वरक बिकी केन्द्रों पर भी क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी है. जिनके द्वारा उर्वरक का वितरण कराया जा रहा है। जनपद के समस्त थोक उर्वरक विकेताओं की बैठक कर निर्देशित किया गया कि विभिन्न कम्पनियों से सम्पर्क कर फास्फेटिक उर्वरक की रैक जनपद में लगवाये तथा खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के स्तर पर रियल टाइम उर्वरक का प्रेषण करना सुनिश्चित करे ताकि कृषको को आवश्यकतानुसार उर्वरक की प्राप्ति हो सके। समस्त कृषक भाइयो को यह भी अवगत कराना है कि डी०ए०पी० के अन्तर्गत सभी कम्पनियों की डी०ए०पी० नाइट्रोजन 18 प्रतिशत एवं फास्फोरस 46 प्रतिशत पाया जाता है। इसलिये सभी कम्पनियों की डी०ए०पी० रबी फसलों के लिये लाभदायक है, न कि मात्र इफको। डी०ए०पी० के साथ साथ एन०पी०के० उर्वरक का भी प्रयोग करें। साथ ही यह भी सूचित करना है कि कृषक भाइयों को उनकी आवश्यकतानुसार उर्वरक की उपलब्धता बनी रहेगी। किसी भी प्रकार की अपवाहो/भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दे। बुवाई के समय फसल एवं जोत के आधार पर ही उर्वरक कय करे।