दीपक कुमार मिश्रा
रामनगर बाराबंकी।
विकासखंड रामनगर के ग्राम पंचायत लोहटी जई का आंगनबाड़ी केंद्र वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस केंद्र की जर्जर स्थिति यह बयां करती है कि निर्माण में हुई भ्रष्टाचार ने इसे खंडहर में तब्दील कर दिया है। प्लास्टर टूट चुका है, दीवारें गिर रही हैं, और गड्ढों के कारण बच्चों के लिए पढ़ाई का माहौल बिगड़ चुका है। वहीं, केंद्र में काम कर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों को खुले में दरी डालकर पढ़ाने पर मजबूर हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री राजकुमारी गौतम ने बताया कि, “मैंने अगस्त माह में आंगनबाड़ी का कार्यभार लिया है, पहले मैं इस केंद्र की सहायिका थी। अक्टूबर तक गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार वितरित किया, लेकिन नवंबर माह का राशन अभी तक नहीं मिला है। रजिस्टर में कुल 63 बच्चे दर्ज हैं जिन्हें मैं पढ़ाती हूं, लेकिन इस जर्जर केंद्र में उन्हें पढ़ाना बेहद मुश्किल हो गया है। केंद्र में शौचालय तक नहीं है, और न ही पानी पीने के लिए हैंडपंप है।”
वहीं, केंद्र में रसोईया भी नहीं है, जिससे बच्चों के लिए भोजन तैयार करना भी चुनौती बन चुका है। आश्चर्यजनक बात यह है कि ब्लॉक के अधिकारी कई बार इस केंद्र की जांच कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ।
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि, “ग्राम पंचायत से प्रस्ताव प्राप्त होते ही इसे विभाग को भेजा जाएगा, यह एक शासन स्तर का मामला है।” वहीं, आंगनबाड़ी केंद्र की सीडीपीओ बीना यादव ने कहा कि, “हमने केंद्र की जांच की है और इसकी रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश दुबे को पिछले महीने भेज दी है।”