भगवान परशुराम जयंती आयोजन में परशु धारी भगवान की शास्त्र एवं शस्त्र नीति से शत्रु देश को सबक सिखाने की बताई आवश्यकता
भास्कर न्यूज एजेंसी –
रिपोर्टर – जयपालसिंह यादव
कायमगंज / फर्रुखाबाद
भगवान परशुराम जयंती की पूर्व संध्या पर विश्व बंधु परिषद द्वारा वयोवृद्ध अभिनंदन एवं संगोष्ठी का आयोजन पटेल पुरम में किया गया। समाज के साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों ने 96 वर्षीय पूर्व पुलिस उप निरीक्षक एवं संगीतज्ञ पंडित अंबिका प्रसाद पाठक को सम्मानित किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रोफेसर रामबाबू मिश्र ‘रत्नेश’ ने कहा कि विश्व की विषम जटिल व अनिश्चित राजनीति के चलते भगवान परशुराम ही भारत के लिए भाग्य पुरुष सिद्ध होंगे। उनकी लौह इच्छा शक्ति, त्वरित निर्णय एवं सटीक लक्ष्य वेध की गैर समझौता वादी रणनीति अपना कर ही भारत अपने अस्तित्व एवं वर्चस्व को बचा पाएगा। प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला ने कहा कि शास्त्र और शस्त्र के समन्वय से ही राष्ट्र, धर्म और संस्कृति की रक्षा संभव है। पूर्व प्रधानाचार्य अहिवरन सिंह गौर ने कहा कि भगवान परशुराम ने सनातन वैदिक संस्कृति और दर्शन को व्यवहारिक दिशा दी है। शिक्षक नेता जेपी दुबे ने कहा कि भगवान परशुराम जैसे अग्नि पुत्रों के आदर्शों को स्कूली पाठ्यक्रमों में रखने से बच्चों में वीरता का भाव जागेगा। शिक्षक अजय पाठक, जितेंद्र कुमार चतुर्वेदी, रजनीश दुबे ने कहा कि ब्राह्मण समाज भगवान परशुराम की तरह तेजस्वी बने। छात्र यशवर्धन ने कहा कि इजरायल की तर्ज पर हम भारतीय छात्र-छात्राओं को भी पढ़ाई के साथ लड़ाई के गुर सिखाए जाने चाहिए।
अंत में पहलगाम की आतंकी घटना पर रोष व्यक्त करते हुए सरकार से संकल्प लेने को कहा गया : –
—जब तक दुनिया के नक्शे से मिट जाता पाकिस्तान नहीं ।
तब तक स्वदेश की सेना का लौटेगा एक जवान नहीं।
भगवान परशुराम जयंती आयोजन में परशु धारी भगवान की शास्त्र एवं शस्त्र नीति से शत्रु देश को सबक सिखाने की बताई आवश्यकता
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