तीन घरों में लगी भीषण आग से गृहस्थी के सामान सहित नकदी वाइक सब कुछ जलकर हुए खाक
– अपनी तवाही का मंजर देख बदहवास हालत में विलखने लगे अग्निपीडित परिवार
भास्कर न्यूज एजेंसी : –
रिपोर्टर – जयपालसिंह यादव
कायमगंज /फर्रुखाबाद
कहते हैं कि किसी अन्य तरह से हुए नुकशान में कुछ तो बच ही जाता है । किन्तु जब आग की विभीषिका से तवाही होती है तो सबकुछ जलकर राख हो जाता है । ऐसा ही दुखद मंजर उस समय सामने आता दिखाई दिया । जब खून पसीने से की गई कमाई देखते ही देखते आंखों के सामने आग की भेंट चढ़ गई । यह भीषण अग्निकांड से हुई तबाही की घटना थाना क्षेत्र कंपिल के गांव सींगनपुर में रात को उस समय हुई जब दिन में खेतों पर काम करने से थके हारे ग्रामीण गहरी नींद में सो रहे थे । इस अग्निकांड से तीन घरों में रखा गृहस्थी का सामान व वाहन तथा नकदी सहित सब कुछ तवाह हो राख की ढेरी में बदल गया । एक अनुमान के अनुसार लगभग दस लाख का नुकशान हुआ है । ग्रामीणों ने फायर बिग्रेड को सूचना दी लेकिन समय पर अग्निशमन की गाड़ी नहीं पहुंची। पीड़ितों ने मामले की सूचना प्रशासन को दी। किन्तु दोपहर तक कोई अधिकारी या हल्का लेखपाल भी नुकशान की पड़ताल करने मौके पर नहीं पहुंचा । मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की। पीड़ितों के अनुसार करीब 10 लाख का नुकसान हुआ है।
इस गांव सींगनपुर निवासी संजू के घर मंगलवार देर रात किन्हीं अज्ञात कारणों से आग लग गयी। संजू अन्य परिजनों के साथ खुले आसमान के नीचे सो रहे थे। घर में आग की लपटें उठती देख जागे तो परिजन घबरा गए । मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी। अफरा तफरी के बीच ग्रामीण जान जोखिम में डालकर अपनी गृहस्थी बचाने में जुटे – मगर आग की तेज लपेटों से वह कोई सामान नहीं निकाल सके। संजू के घर में रखी 25 हजार की नगदी, गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया। ग्रामीण जब तक निजी साधनों से आग पर काबू पाते तब तक उनकी गृहस्थी जलकर खाक हो चुकी थी।
आग की उठती चिंगारी ने पड़ोसी पप्पू, और नारायण के घर को भी अपनी चपेट में ले लिया। पप्पू की 8 हजार की नगदी, बाइक, सहित अन्य घरेलू सामान जलकर खाक हो गया। वहीं नारायण के घर में रखे 29 हजार की नगदी, दहेज में मिला सामान आदि गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया । अपनी तवाही का मंजर देख घर की महिलाएँ तथा अन्य सदस्य परेशान हो बिलख बिलख रहे थे ।
तीन घरों में लगी भीषण आग से गृहस्थी के सामान सहित नकदी वाइक सब कुछ जलकर हुए खाक
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