स्वच्छता अभियान को लगा पलीता : –
शौचालय निर्माण में ग्राम प्रधान व सचिव पर लाखों रुपए की हेराफेरी करने का आरोप
भास्कर न्यूज : –
फर्रुखाबाद :
स्वच्छता अभियान के प्रथम चरण में हर घर शौचालय निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना ही भृष्टाचार की भेंट चढ़ गई । यह मामला जनपद के राजेपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत रतनपुर पामरान का उभर कर सामने आ रहा है । जिसने शासन की भृष्टाचार रहित नीति की खिल्ली उड़ा कर रख दी है । उजागर हो रहे भृष्टाचार के मामले में वित्तीय वर्ष 2016-17 और बर्ष 017- 18 में इस ग्राम पंचायत में करीब 318 शौचायलयों का निर्माण किया जाना बताया जा रहा है । ग्रामीणों का कहना है कि इसमें ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा निडर हो काफी बड़े पैमाने पर हेराफेरी कर योजना हेतु आए धन का गोलमाल किया । यह अलग बात है कि भले ही उच्च अधिकारी इस भृष्टाचार के खेल को ना समझ पाए हों या फिर किसी कारण वस उन्होंने इस ओर देखना उचित नहीं समझा हो । किन्तु ग्रामीणों का कहना है कि भले ही इस कार्य हेतु उस वक्त लाभार्थियों को चैक द्वारा कार्य के लिए धन मुहैया कराया गया हो । लेकिन उस समय आधार कार्ड से कोई फीडिंग नहीं की जाती थी । इसीलिए मनमाने ढंग से कागजी कार्यवाही पूरी की गई । परन्तु अब जब फीडिंग का तरीका बदला तो जांच में किये गए भृष्टचार की पर्तें खुलने लगीं । उसके अनुसार पता चला कि एक ही व्यक्ति के नाम में थोड़ा बदलाव कर शौचायलयों का निर्माण दिखाकर बार – बार धनराशि निकाली गई । उसके अनुसार यहां के निवासी अनिल पुत्र ओमपाल के नाम पर सूची क्रमांक 12 और 13 दोनों क्रमांकों पर शौचालय का निर्माण दिखाकर घोटाला किया गया । वहीं श्याम मोहन पुत्र शिव कुमार के नाम पर सूची क्रमांक 35 व37 और 39 पर शौचायलयों का निर्माण किया जाना दर्शा कर धन का आहारण किया गया ।इसी तर्ज पर छविराम पुत्र रामनरेश के नाम पर सूची क्रमांक 40 व 46 तथा 47 पर कार्य किया जाना दिखाकर इस योजना में बडे पैमाने पर धनराशि हड़पी गई है । ग्रामीणों का यहां तक कहना है इसी तरह भृष्ट तरीके से इसी गांव में 28 से भी ज्यादा व्यक्तियों के नाम में अक्षरों ( स्पेलिंग ) में हेरफेर कर नामों में थोड़ा बहुत बदलाव कर शौचालयों का निर्माण किया जाना केवल कागजों में दर्शाकर धनराशि का गवन किया गया है । पूर्व ग्राम प्रधान और सचिव पर आरोप है कि उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 120 शौचालयों में 14 लाख रुपए से भी ज्यादा धनराशि का घपला किया है । इस भृष्टाचार से आहत तथा आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग कर कहा है कि भृष्टाचार के इस प्रकरण को गंभीरता से ले पारदर्शी तथा निष्पक्ष रूप से जांच की जानी चाहिए । साथ ही जांच में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही कर गवन की गई धनराशि की वसूली कर इन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए । जिससे सरकार की छवि धूमिल करने वालों के चेहरे वेकाव हो सकें । ग्रामीणों का कहना है कि यदि ऐशा नहीं किया गया तो वे सामूहिक रूप से भृष्टाचार में लिप्त रहे तत्कालीन ग्राम प्रधान तथा पंचायत सचिव के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करने को वाध्य होंगे । जिसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार माना जायेगा ।
स्वच्छता अभियान को लगा पलीता : – शौचालय निर्माण में ग्राम प्रधान व सचिव पर लाखों रुपए की हेराफेरी करने का आरोप
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