ग्राम प्रधानों/अधिकारियों के संरक्षण के चलते सफाई कर्मी बेलगाम, ग्राम सभाओं की सफ़ाई व्यवस्थाएं चौपट
कछौना, हरदोई( पी.डी. गुप्ता )विकासखंड कछौना की 41 ग्राम सभाओं की सफाई व्यवस्था सफाई कर्मियों के नियमित रूप से रोस्टर के अनुसार सफाई न होने के कारण ग्राम सभा सहित सार्वजनिक भवनों, पंचायत घर, परिषदीय स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, आरोग्य केंद्रों में गंदगी अम्बार है। स्वच्छ भारत मिशन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं कागजों पर सीमित है। सामुदायिक शौचालय में ताला लटका रहता है। आरसीसी सेंटर शोपीस बने हैं। घर-घर कूड़ा उठाने व प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने का अभियान सीमित संसाधनों के कारण हवा हवाई है।जिसके कारण गांव में जगह-जगह कूड़े के ढेर, नालियों में कचरा, स्कूलों के शौचालय में गंदगी के कारण नौनिहालों सहित मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। गंदगी के कारण संक्रामक बीमारी फैलने की प्रबल संभावना रहती है। गांव की बदरंग तस्वीर हो जाती है। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने कहा आखिरी सफाई कर्मी नियमित रूप से सफाई कार्य क्यों नहीं करते हैं? उनकी जवाब देही क्यों तय नहीं होती है? उनकी उपस्थिति ग्राम प्रधानगण फर्जी तरीके से क्यों प्रमाणित करते हैं? ग्राम सभा में तैनाती के बावजूद सहकारी स्कूलों में रसोइयों के सहारे सफाई व्यवस्था क्यों है? ग्राम प्रधान व अधिकारियों के संरक्षण के चलते सफाई कर्मी पर बेलगाम है। सामुदायिक शौचालय में महिला समूहों को केयर टेकर के रूप में नियुक्त किया गया है, लेकिन ज्यादातर ग्राम प्रधानों ने अपनी भूमिका व गांव से काफी दूर सामुदायिक शौचालय को बनवाया है। जिसके कारण आम नागरिकों को लाभ नहीं मिल पाता है। कुछ सफाई कर्मी ग्राम सभा में तैनाती स्थल पर कार्य न करके ब्लॉक मुख्यालय, जिले पर, अधिकारियों के ड्राइवर व अर्दली के रूप में सेवा दे रहे हैं। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक ने बताया सफाई कर्मियों की हाजिरी रजिस्टर स्कूलों में रखी जाए अथवा बायोमेट्रिक उपस्थिति पंचायत घर में सुनिश्चित की जाए। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने ग्राम सभा में सफाई व्यवस्था सूचित कराने के लिए जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जिला प्रशासन से निम्नलिखित बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी है। सफाई कर्मियों के नाम व आवंटन गांव का नाम, मोबाइल नंबर, आवंटन गांव में सफाई कर्मियों का रोस्टर प्लान, माहवार पैरोल की छायाप्रति, अटैचमेंट आदि बिंदुओं पर सूचनाओं मांगी है। ग्राम प्रधानगणों का अधिकारियों के संरक्षण के चलते ग्राम सभाओं की व्यवस्थाएं चौपट हैं। गंदगी का अंबार रहता है। नालियां बजबजाती है। लोगों को जीना दुश्वार है।