भास्कर ब्यूरो
रिपोर्टर दीपक
मोहम्मदाबाद फर्रुखाबाद पूर्व मंत्री टी. प्रसाद आईएएस ने बिहार के बोधगया एवं संकीसा पर कथित कब्जों को मुक्त कराने का आह्वान किया। वे शाक्य, कुशवाहा, मौर्य, सैनी समाज के सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए और समाज की शक्ति व एकजुटता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि भारत में शाक्यों से बड़ा कोई समाज नहीं है, लेकिन इसके बावजूद समाज संगठित नहीं है। उन्होंने पदाधिकारियों से बेहतर कार्य करने की अपील की और कहा कि समाज को सशक्त बनाने के लिए सत्ता, शिक्षा और संपन्नता जरूरी है। उन्होंने युवाओं को प्रशिक्षित करने और व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ने की सलाह दी।
राजनीतिक हिस्सेदारी पर जोर
टी. प्रसाद ने लोकसभा में पिछड़े वर्गों को आरक्षण न मिलने पर नाराजगी जताई और सवाल किया कि यदि सभी पार्टियों की ओर से सजातीय 25 सांसद हों तो क्या बोधगया और संकीसा को मुक्त कराया जा सकता है? उन्होंने वाराणसी के कुशवाहा कांड की भी आलोचना की और सजातीय विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी, जबकि जरूरत पड़ने पर सीबीआई जांच कराई जा सकती थी।
भगवान बुद्ध और सम्राट अशोक का संदेश
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने समाज को मानवता का पाठ पढ़ाया है। भगवान बुद्ध के कारण ही भारत विश्व गुरु कहलाया। बुद्ध ने लोक कल्याण की बात की और सम्राट अशोक ने अखंड भारत की स्थापना की। अशोक ने सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया, जिससे प्रेरणा लेकर समाज को मजबूत करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी बनाने की सलाह
टी. प्रसाद ने समाज के हित में राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पार्टी बनाने की जरूरत बताई और कहा कि सजातीय दल धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति, परिवार और जाति आधारित पार्टियां समाज का भला नहीं कर सकतीं। उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि यदि वे इन पार्टियों के चक्कर में पड़े, तो अपना नुकसान कर बैठेंगे।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने आयोजन के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया और समाज के लोगों से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की।
टी. प्रसाद बोले: बोधगया व संकिसा को मुक्त कराओ
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