भास्कर न्यूज़ एजेंसी(अमेठी)
अमेठी के तिलोई स्थित आरबीएस इण्टर कालेज के प्रांगण में आयोजित श्रीराम कथा के पहले दिन अंतरराष्ट्रीय कथावाचक आचार्य शान्तनु महाराज ने श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम की महिमा का महत्व समझाया है। उन्होंने भगवान की असीम कृपा के बारे में बात करते हुए कहा कि भगवान की कृपा से ही हम सन्मार्ग की ओर प्रेरित होते हैं। माता पार्वती के शंका समाधान करते हुए आचार्य शान्तनु महाराज ने बताया कि ईश्वर सगुण भी हैं और निर्गुण भी। भक्त जिस रूप में प्रभु की पूजा करना चाहते हैं, प्रभु उसी रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं।
रामायण को कल्पवृक्ष के समान बताते हुए आचार्य जी ने कहा कि इसे गाने वाला जो चाहता है, वही उसे प्राप्त करता है, लेकिन इसके लिए शर्त है कि इसे निर्मल मन से गाया जाए तो। रामकथा में पहले शिव और पार्वती की कथा का वर्णन करते हुए आचार्य जी ने बताया कि यह दोनों श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक हैं।
शिव बारात और कुरीतियों पर प्रहार आचार्य शान्तनु महाराज ने भगवान शिव की बारात का दर्शन कराया और बताया कि भगवान शिव की बारात में भूत-प्रेत भी शामिल थे, लेकिन वे भी बहुत संयमित थे, जिसे हमें आत्मसात करना सिखाया है । इसके साथ ही महाराज जी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों पर कुठाराघात किया और समाज को जागरूक किया है ।