भास्कर संवाददाता, फर्रुखाबाद
21 फरवरी 2025
फर्रुखाबाद:- जिले में एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है।जहां सरकारी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए लगाए गए एक विशाल होर्डिंग में उत्तर प्रदेश के दो-दो मुख्यमंत्री दर्शा दिए गए। यह चौंकाने वाली गलती मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) कार्यालय, विकास भवन के गेट पर लगी एक सरकारी होर्डिंग में देखी गई, जिससे प्रशासन की लापरवाही उजागर हो गई है।
होर्डिंग में दो मुख्यमंत्री, अधिकारियों की लापरवाही उजागर
यह होर्डिंग उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड की विभिन्न रोजगारपरक योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए लगाई गई थी। जिसमें ‘अपनी माटी अपना मान, माटी वर्तन घर की शान’ का स्लोगन लिखा गया है। इस सरकारी प्रचार सामग्री को जिला ग्राम उद्योग अधिकारी के सौजन्य से लगवाया गया था। लेकिन इस होर्डिंग में भारी गलती यह थी कि इसमें दो अलग-अलग मुख्यमंत्री दिखाए गए—एक ओर योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के नीचे ‘मुख्यमंत्री’ लिखा गया, तो दूसरी ओर राकेश सचान की तस्वीर के नीचे भी ‘मुख्यमंत्री’ का ही पदनाम दिया गया।
इस होर्डिंग की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इसे जनपद के सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवन—विकास भवन के गेट पर लगाया गया था, जो कि मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा के कार्यालय का प्रवेश द्वार है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इतनी बड़ी गलती के बावजूद किसी अधिकारी या कर्मचारी की नजर इस पर क्यों नहीं गई। इस तरह की चूक सिर्फ निचले स्तर के कर्मचारियों से नहीं हो सकती। बल्कि, इसके लिए जिम्मेदार उच्च अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि जिस अधिकारी के सौजन्य से यह होर्डिंग लगवाई गई। वह भी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल हैं।इस भारी गलती के कारण आम जनता में भ्रम की स्थिति बन गई। विकास भवन से गुजरने वाले नागरिकों ने जब इस होर्डिंग को देखा तो हैरानी जताई और कई लोगों ने इसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अवमानना करार दिया। सोशल मीडिया पर भी इस गलती की चर्चा होने लगी। जिससे प्रशासन की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी उजागर हो गई।जब इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, “मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, लेकिन अब मैंने इसे गंभीरता से लिया है। मैं स्वयं इस होर्डिंग की जांच कराऊंगा और यदि इसमें गलत उच्चारण या पदनाम की त्रुटि है। तो इसे तुरंत हटवाकर सही शब्दों के साथ नई होर्डिंग लगवाई जाएगी।”इस घटना ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में हो रही लापरवाहियों को उजागर कर दिया है। अधिकारियों को चाहिए कि वे किसी भी आधिकारिक सामग्री को लगाने से पहले उसकी गहन जांच करें। ताकि भविष्य में इस तरह की गंभीर चूक से सरकार की छवि खराब न हो। फिलहाल, अब देखना होगा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।
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होर्डिंग को बनाए जाने से पहले वेरिफाई किया जाना था क्या किया गया या वाकई चूक की गई, जो भी हो बड़ी लापरवाही है