Home उत्तर प्रदेश पुलिस ने तमंचा लगा फर्जी केस बनाकर किया युवक का चालान जांच में निकला फर्जी षड्यंत्रकारी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हुआ मुकदमा दर्ज

पुलिस ने तमंचा लगा फर्जी केस बनाकर किया युवक का चालान जांच में निकला फर्जी षड्यंत्रकारी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हुआ मुकदमा दर्ज

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पुलिस ने तमंचा लगा फर्जी केस बनाकर किया युवक का चालान जांच में निकला फर्जी षड्यंत्रकारी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हुआ मुकदमा दर्ज
– तत्कालीन कोतवाल मनोज कुमार भाटी तथा चार अन्य पुलिस कर्मियों के कारनामें की हुई थी जांच
भास्कर न्यूज : –
रिपोर्टर जयपाल सिंह यादव
फर्रुखाबाद : -30 दिसम्बर
पुलिस के षड्यंत्र का यह मामला जनपद की कोतवाली मोहम्मदाबाद का बताया जा रहा है । यहां की पुलिस ने अपने कुछ चाटुकारों से मिलकर एक युवक को तमंचा सहित गिरफ्तार दिखाकर उसका फर्जी ढंग से चालान कर दिया था ।पीड़ित के भाई ने तमाम सबूतों के साथ पुलिस की इस षड्यंत्र कारी हरकत के विरुद्ध शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई थी l वहीं से विवाद ने तूल पकड़ गया था । प्रकरण की जांच तत्कालीन सीओ अरुण कुमार द्वारा की गई थी । जिसमें पाया गया कि पुलिस ने क्षेत्र के एक गांव के निवासी नन्दू नामक युवक को 315 बोर देशी तमंचा तथा कारतूस के साथ 19 अगस्त 2024 को गिरफ्तार करना दर्शाया । यह गिरफ्तारी पूरी तरह फर्जी एवं रचे गए षड्यन्त्र की तैयार भूमिका के आधार पर पाई गई । उसी जांच के सत्यापन उपरांत वर्तमान क्षेत्राधिकारी ने तत्कालीन कोतवाल मोहम्मदाबाद मनोज कुमार भाटी तथा चार अन्य पुलिस कर्मियों को आरोपी मानकर इन पांच के विरुद्ध इसी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है । मनोज कुमार भाटी इस समय जिले में ही अपराध शाखा में तैनात हैं । फर्जी ढंग से फसाये गए नन्दू के भाई कृष्ण कुमार ने इस गिरफ्तारी को फर्जी बताते हुए आरोप लगाया था कि उसके भाई को ग्राम प्रधान कुन्तेश यादव और अनिल ठाकुर के सहयोग से झूठे मामले में फंसाया गया।जांच के दौरान कई चश्मदीद गवाहों के बयान और मोबाइल कॉल डिटेल से स्पष्ट हो गया कि पुलिस ने नन्दू की गिरफ्तारी की योजना पहले से ही बनाई थी। रचे गए षड़यन्त्र का यह भी खुलासा हुआ कि नन्दू को फसाने के लिए पुलिस ने उसकी आवाजाही की भी जानकारी करने का प्रबंध किया था । जैसे मिले सबूतों से साफ हो गया कि गिरफ्तारी की कार्रवाई पूर्व नियोजित चाल थी। इस मामले में क्षेत्राधिकारी ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया और अग्रिम कार्रवाही की अनुमति मिल गई । उन्होंने कहा कि सभी साक्ष्यों के आधार पर तत्कालीन कोतवाल मनोज कुमार भाटी, उपनिरीक्षक महेंद्र सिंह, आरक्षी अंशुमन चाहर, राजन पाल और यशवीर को आरोपी माना गया है।इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दर्ज हो गई हैं। आरोपी पुलिस कर्मियों की विवेचना रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जायेगी जिससे की न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके। वरहाल यह मामला कोतवाली पुलिस की निष्ठा, कर्तव्य पालन एवं कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है । इतना ही नहीं स्थानीय बुद्धिजीवी तथा आम जन मानस पुलिस के इस कृत्य की कठोर शब्दों में निंदा कर रहे हैं ।

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