हल्का लेखपाल व कानूनगो की मिलीभगत से मछली की जगह तालाब में उगे हैं गेहूं
शाहाबाद। उप्र के जनपद हरदोई की सबसे बड़ी तहसील के बड़े बड़े अधिकारी व उनके मातहत कर्मचारी नियम व कानून का अनुपालन करने के वजाय नियम तोड़ने में जुटे हुए हैं।ऐसे ही नियम कानून तोड़ने का मामला तहसील क्षेत्र के पिस्तिया गांव में देखने को मिला है।इस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान सत्यपाल गुप्ता ने बताया कि पिस्तिया ग्राम पंचायत में गाटा संख्या 42ग रकवा 3.5530 हेक्टेयर राजस्व अभिलेखों में तालाब अंकित है।जिस पूर्व प्रधान देवीदयाल का कब्जा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधान द्वारा अपनी प्रधानी के दौरान एक फर्जी मत्स्य पालन समिति बनाकर उक्त तालाब का आबंटन अपने ही लोगों के नाम मछली पालन हेतु आबंटित करा लिया। लेकिन आबंटन की तिथि से लेकर आज तक उसमें कभी भी मछली पालन नहीं किया गया। मत्स्य पालन हेतु आबंटित तालाब में गेहूं,सरसों आदि की फसल उपजाकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जबकि कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि मत्स्य पालन हेतु आबंटित तालाब में मछली पालन का कार्य नहीं किया जा रहा है तो तालाब आबंटन पट्टा निरस्त कर दिया जायेगा। लेकिन यह रिपोर्ट तो अधिकारियों के सामने हल्का लेखपाल ही प्रस्तुत करेगा। लेकिन निजी स्वार्थ के चलते लेखपाल व कानूनगो द्वारा अपने कर्तव्यों में शिथिलता बरत कर ऐसे भूमाफिया को लाभ पहुंचा रहे हैं।जबकि उप्र सरकार ने गत 2017मे एक शासनादेश जारी कर राजस्व अधिकारियों को सभी सरकारी जमीनों को लेकर प्रत्येक माह बैठक कल समीक्षा करने हेतु निर्देशित किया।इसी के साथ भू-माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का भी गठन करने के निर्देश दिए गये है। लेकिन तहसील शाहाबाद क्षेत्र में भू-माफियाओं के बढ़ते प्रभाव व कर्मचारियों व अधिकारियों की कार्य के प्रति शिथिलता चीख चीख कर स्थिति को उजागर कर रही है।यह स्थिति तहसील क्षेत्र के पिस्तिया गांव की ही नही है वरन पूरी तहसील क्षेत्र के प्रत्येक गांव में सरकारी जमीनों पर अबैध कब्जेदारी का खेल सरकारी कर्मचारियों के इशारे पर किया जा रहा है।और तहसील के बड़े अधिकारी केवल आफिस में बैठकर केवल आंकड़ों की जादूगरी कर कागजी घोड़े दौड़ाकर सरकार की वाहवाही लूटने में मस्त हैं। सबसे मजे की बात तो यह है भाजपा सरकार की भू-माफियाओं के विरुद्ध चलाई जा रही मुहिम को उनके ही नेताओं व संगठन पदाधिकारियों को भी संज्ञान लेकर सरकार के अभियान की सफलता हैतु भागीरथ प्रयास किया जाना चाहिए ताकि जीरोटालरेंस की नीति पर चलकर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की सरकारी मुहिम अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें।